वाराणसी स्थित रविदास मंदिर के 61वें स्थापना दिवस पर सीरगोवर्धन में विविध आयोजन किया गया। रविदास मंदिर को फूलों और विद्युत झालरों से सजाया गया। संगतों के आने का सिलसिला लगातार जारी रहा। सुबह से ही वह दर्शन करते रहे। आयोजन में शामिल होने के लिए संत निरंजन दास सीरगोवर्धन पहुंचें। मंदिर के ट्रस्टी के एल सरोआ ने बताया कि सीर गोवर्धनपुर स्थित संत रविदास मंदिर में अमृतवाणी का पाठ गुंजायमान होने लगा है। मंदिर के 61वें स्थापना दिवस पर पर भजन-कीर्तन और पूजन भी हुआ। ट्रस्ट से जुड़े निरंजन दास चीमा ने बताया कि रैदासियों के गुरु डेरा संत सरवन दास जी महाराज ने इस मौजूदा मंदिर का निर्माण कराया थ।
1965 के आषाढ़ मास में इसकी नींव रखी गई थी और 7 साल बाद यानी 1972 में यह संत रविदास का यह मंदिर बनकर तैयार हुआ। मंदिर निर्माण के बाद से ही संत रविदास के इस दर पर उनके जयंती के अवसर पर रैदासियों की भीड़ यहां लगने लगी। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल समेत विदेशों में रहने वाले एनआरआई भक्त भी हर साल यहां आते हैं। इन भक्तों ने संत रविदास को अरबों रुपए दान भी दिया है।जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में संत रविदास मंदिर के पास करीब 300 किलो सोना है। इसमें सोने की पालकी, दीप, छतर, मुकुट, स्वर्ण कलश शामिल है। इसके अलावा मंदिर का शिखर भी स्वर्ण मंदिर जैसा बना हुआ है और दरवाजे पर भी सोना जड़ा गया है। इसके अलावा करोड़ो रुपए नगद भी हर साल भक्त इस मंदिर को दान में देते हैं।