चितईपुर थाना अंतर्गत हैदराबाद गेट के पास पिछले कई महीनों से सीवर के गंदे पानी की गंभीर समस्या बनी हुई थी, जिससे स्थानीय लोग परेशान थे। लगातार शिकायतों के बावजूद जब कोई समाधान नहीं हुआ तो KTV न्यूज ने इस विषय को प्रमुखता से उठाया।खबर प्रसारित होते ही प्रशासन हरकत में आ गया। सोमवार को जनरेटर लगाकर गंदे पानी की सफाई की गई। इस दौरान स्थानीय पार्षद और नगर निगम कर्मी भी मौजूद रहे।पार्षद ने जानकारी दी कि बरसात के बाद ₹18 करोड़ की लागत से नाला निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, जिसकी स्वीकृति मिल चुकी है।अधिवक्ता राजवीर सिंह ने नगर निगम की घोर लापरवाही पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि IIT-BHU के छात्र, होटल में रुकने वाले श्रद्धालु और बाबा विश्वनाथ धाम तक जाने वाले लोग इसी गंदे पानी से गुजरते हैं, जिससे वाराणसी की छवि खराब होती है।राजवीर सिंह बोले
"अगर कोई वीआईपी जैसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां से गुजरते, तो नगर निगम के अधिकारी पीटी उषा जैसी फुर्ती दिखाते और रातोंरात सफाई हो जाती। लेकिन आम जनता के लिए अधिकारी 'मोतियाबिंद' से ग्रसित हैं।"पूर्व में नाले की सफाई और मरम्मत का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था, लेकिन सिल्ट निस्तारण अधूरा छोड़ दिया गया। बारिश के बाद सिल्ट फिर से नाले में समा गया।अब स्थानीय लोग ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और नगर निगम से स्थायी समाधान की अपेक्षा कर रहे हैं। यह मामला दर्शाता है कि मीडिया की भूमिका कितनी अहम है और प्रशासन तभी जागता है जब जनता की आवाज मीडिया के माध्यम से बुलंद होती है।