सावन के पहले सोमवार पर काशी की सड़कों से लेकर मंदिरों तक शिवभक्ति की लहर दौड़ गई। देशभर से आए हजारों कावड़ियों ने सारनाथ स्थित प्राचीन सारंगनाथ मंदिर में गंगाजल से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। भक्तों के ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से माहौल पूरी तरह शिवमय हो गया।सुबह से ही गंगा घाटों पर स्नान के बाद कावड़िए केसरिया वस्त्रों में गंगाजल लेकर निकले। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा।
जगह-जगह बैरिकेडिंग, CCTV से निगरानी, जलपान और स्वास्थ्य शिविरों की व्यवस्था की गई।सारंगनाथ मंदिर में सुबह 4 बजे से ही भक्तों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। जलाभिषेक कर भक्तों ने देश, समाज और परिवार की सुख-शांति की प्रार्थना की। दिल्ली से आए कावड़िए अजय यादव ने कहा, “हर साल बाबा के दर्शन करने आता हूं। यहां आकर आत्मिक शांति मिलती है।”झारखंड की मीना देवी ने कहा, “बाबा के दरबार में आकर हर दुख दूर हो जाता है।”सावन का यह सोमवार काशी में न सिर्फ श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बना, बल्कि अनुशासन और व्यवस्था का उदाहरण भी साबित हुआ।