वाराणसी में ‘उदयपुर फाइल्स’ को टैक्स फ्री करने की मांग तेज, ज्ञानवापी केस की पक्षकार महिलाएं एडीएम सिटी से मिलीं

11 जुलाई को रिलीज हो रही फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर वाराणसी में सामाजिक और धार्मिक संगठनों के बीच तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। एक ओर जहां मुस्लिम पक्ष ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की है, वहीं अब ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस की पक्षकार महिलाएं और उनके अधिवक्ता इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग को लेकर एडीएम सिटी कार्यालय पहुंचीं और ज्ञापन सौंपा।श्रृंगार गौरी केस के पैरोकार सोहनलाल आर्या ने बताया कि "आदि विश्वेश्वर मुक्ति विद्वत संघ, ज्ञानवापी टीम की ओर से जिलाधिकारी को निवेदन दिया गया है कि 'उदयपुर फाइल्स' को वाराणसी में टैक्स फ्री किया जाए, ताकि सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोग बिना किसी बाधा के फिल्म देख सकें। 

ज्ञानवापी केस की वादिनी लक्ष्मी देवी ने कहा कि यह फिल्म सनातन धर्म, मंदिरों और धार्मिक तत्वों पर आधारित है। कुछ अवांछनीय तत्व इसका विरोध कर रहे हैं और अफवाहें फैला रहे हैं कि फिल्म रिलीज हुई तो विवाद होगा। जबकि यह फिल्म किसी विशेष जाति या समुदाय के खिलाफ नहीं है। लक्ष्मी देवी ने एडीएम सिटी को सौंपे पत्र में सभी सिनेमाघरों में सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की है, ताकि किसी भी तरह की अफरा-तफरी न फैले और लोग शांति से फिल्म देख सकें।एडीएम सिटी ने कहा कि ज्ञानवापी संघर्ष समिति की ओर से फिल्म को टैक्स फ्री करने और सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पास किया है, तो उसने जरूरी बिंदुओं को ध्यान में रखकर ही ऐसा किया होगा।उन्होंने यह भी कहा कि, “यदि किसी वर्ग की धार्मिक भावना आहत होती तो सेंसर बोर्ड ही उसे पास नहीं करता। और यदि सुप्रीम कोर्ट ने भी फिल्म को अनुमति दी है, तो प्रशासन का कार्य केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, न कि फिल्म की रिलीज को रोकना।”उदयपुर फाइल्स' को लेकर वाराणसी में माहौल गर्म है, एक ओर विरोध की आवाजें हैं तो दूसरी ओर समर्थन में भी लोग प्रशासन के पास पहुंच रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग को मानता है या नहीं।

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