सांसद राजीव राय की शिकायत पर सुभासपा नेता डॉ. अरविंद राजभर पर दर्ज हुआ मुकदमा।राजीव राय का आरोप है कि 19 मार्च को अरविंद राजभर बिना अनुमति के मऊ रेलवे स्टेशन पहुंचे और 20 से अधिक समर्थकों के साथ स्टेशन का अनधिकृत निरीक्षण किया। यही नहीं, स्टेशन परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई, जिससे यात्रियों और रेलकर्मियों को भारी असुविधा हुई।राजीव राय ने इस संबंध में 21 मार्च को केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। मामला संसद तक पहुंचा और अब रेलवे अधिनियम की कई धाराओं में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
वहीं, डॉ. अरविंद राजभर ने इन आरोपों को बताया राजनीति से प्रेरित।उन्होंने साफ कहा न मैंने निरीक्षण किया, न स्टेशन पर कोई कार्यक्रम हुआ। मैं तो बस पार्टी नेता के स्वागत के लिए गया था।राजभर का दावा है कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता से राजीव राय घबरा गए हैं और यह कार्रवाई उनकी छवि बिगाड़ने की साजिश है।रेल प्रशासन ने अब स्टेशन पर सुरक्षा और एक्सेस कंट्रोल को लेकर निर्देश सख्त कर दिए हैं।इस मामले से घोसी लोकसभा की सियासत में गर्मी तेज हो गई है, और इसका असर आगामी चुनावों पर पड़ना तय माना जा रहा है।