वाराणसी के सर सुंदरलाल चिकित्सालय (BHU) में मंगलवार को एक 80 वर्षीय बुजुर्ग को अचानक हार्टअटैक आ गया। वह अपने परिजनों के साथ टीबी-चेस्ट वार्ड जा रहे थे, तभी बरामदे में चक्कर खाकर गिर पड़े। हालत इतनी गंभीर थी कि उनकी सांसें और दिल की धड़कन दोनों रुक गईं। यह देख परिजनों में चीख-पुकार मच गई और भीड़ जुट गई। इसी बीच अस्पताल के एक कर्मचारी ने तुरंत ओपीडी नंबर 15 में मौजूद प्रो. के. के. पाण्डेय को सूचना दी। प्रो. पाण्डेय बिना देर किए मौके पर पहुंचे और फर्श पर बैठकर CPR देना शुरू कर दिया। मात्र 30 सेकेंड में ही बुजुर्ग की सांसें लौट आईं और उनकी हालत में सुधार दिखने लगा।
इसके बाद प्रो. पाण्डेय ने एक जूनियर डॉक्टर की मदद से मरीज को ट्रॉली पर ऑपरेशन थिएटर पहुंचाया, जहां ऑक्सीजन और अन्य इलाज शुरू किया गया। बाद में परिजन मरीज को इमरजेंसी ओपीडी में ले गए।गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब प्रो. पाण्डेय ने किसी की जान बचाई हो। करीब 6 महीने पहले, ओपीडी के बाहर एक 22 वर्षीय छात्रा बेहोश हो गई थी, तब भी उन्होंने मौके पर पहुंचकर CPR देकर उसकी जान बचाई थी।प्रो. पाण्डेय का त्वरित निर्णय और सेवा-भावना एक मिसाल बन गई है, जिसकी पूरे अस्पताल में सराहना हो रही है।