काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में सत्र 2024-25 की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में हो रही देरी और अनियमितताओं को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP-BHU) ने नाराजगी जताई है। परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन और UGC पर जांच में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो छात्रहित में आंदोलन किया जाएगा। छात्र नेताओं के अनुसार, 28 अप्रैल 2025 को UGC ने एक पत्र जारी कर BHU की शोध प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए जांच समिति गठित करने की अनुशंसा की थी। लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी न तो समिति का गठन सार्वजनिक हुआ है, न ही कोई जांच शुरू हुई है।ABVP काशी प्रांत के प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने बताया कि परिषद शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है और इसी क्रम में UGC सचिव को पत्र भेजकर BHU की शोध प्रवेश प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं की जांच शीघ्र पूरी कराने की मांग की गई है।ABVP BHU इकाई के अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा कि जांच की धीमी गति से यह आशंका बढ़ रही है कि विभागीय स्तर पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ हो सकती है।
उन्होंने मांग की कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक विश्वविद्यालय किसी भी नए आदेश या निर्णय को स्थगित रखे।शोध प्रवेश प्रक्रिया की जांच तय समय में पूरी की जाए और जांच समिति को सार्वजनिक कर BHU बुलाया जाए।जिन विभागों में अनियमितताएं हुई हैं, उनकी जिम्मेदारी तय कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो। अभ्यर्थियों और छात्र समूहों को जांच समिति के सामने साक्ष्य और प्रतिवेदन देने का अवसर मिले।जांच पूरी होने तक विश्वविद्यालय कोई नया निर्णय न ले।दोषियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई कर शोध प्रक्रिया की शुचिता बहाल की जाए।ABVP ने साफ कहा है कि यदि इन मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो संगठन छात्रहित में उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।