शहर में लगातार बारिश और वरुणा नदी के उफान के चलते हालात बाढ़ जैसे हो गए हैं। करीब 30 हजार घरों में पानी भर गया है, जिससे हजारों परिवार संकट में हैं। 400 से अधिक परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है, जबकि कई लोग नाव के सहारे दवा, सब्जी और राशन पहुंचा रहे हैं। बहुत से परिवार फर्स्ट फ्लोर या दूसरी मंजिल पर रहकर जैसे-तैसे जीवन गुजार रहे हैं, कुछ ने किराए पर घर लेकर पलायन भी शुरू कर दिया है।वरुणा नदी के किनारे बसे दनियालपुर, ढेलवारिया, कोनिया, नक्खीघाट, सलारपुर, हुकुलगंज, सरैया और नईबाजार समेत कुल 8 मोहल्लों में हालात गंभीर हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने इन इलाकों का दौरा कर हालात की पड़ताल की। नक्खीघाट इलाके की मुस्लिम बस्ती पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है।बस्ती में दो नावों की ड्यूटी लगाई गई है, जो दिनभर लोगों को घर से सुरक्षित स्थान और वापस पहुंचा रही हैं। नाविक मनोज साहनी ने बताया कि वे रोजाना लगभग 500 लोगों को राहत पहुंचाते हैं और रात 10 बजे तक तैनात रहते हैं। नाव की सेवाएं नि:शुल्क हैं। फरीदा बानो का घर पूरी तरह डूब गया है। वह और उनके पति अब दूसरी मंजिल पर रह रहे हैं।मुकेश, जो अकेले रहते हैं, उन्होंने अपना सामान पड़ोसी के तीन मंजिला मकान में रखा और अब राहत शिविर में शरण ले रखी है।निजामुद्दीन ने बताया कि उनके इलाके में 3 फीट तक पानी भर चुका है, कोई सरकारी मदद अभी तक नहीं मिली है।अब्दुल ने कहा कि रात में कोई एक व्यक्ति जागकर बच्चों और जलस्तर पर निगरानी रखता है, क्योंकि किसी भी वक्त पानी का स्तर बढ़ सकता है।मारुतिनगर में भी हालात खराब, पंप लगाकर निकाला जा रहा पानीमारुति नगर कॉलोनी में भी गंगा का पानी घुस चुका है।
50 से ज्यादा घर प्रभावित हैं। जल निकासी के लिए 1 बड़ा और 4 छोटे पंप सेट लगाए गए हैं, जिससे पानी को खींचकर वापस गंगा में डाला जा रहा है। स्थानीय निवासी अनिल जायसवाल ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।प्रशासन की तैयारी: डीएम बोले- 24 घंटे कंट्रोल रूम एक्टिवजिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि 24x7 कंट्रोल रूम सक्रिय है, लोग भोजन, दवा या अन्य जरूरतों के लिए वहां संपर्क कर सकते हैं। नगर निगम को साफ-सफाई, फॉगिंग, एंटी-लार्वा और चूने के छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में नाव और पुलिस बल तैनात हैं ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।