'द' कला दीर्घा में अनुसूचित जाति-जनजाति की वर्तमान स्थिति और काशी की श्रमण परंपरा पर हुआ मंथन

गुरुपूर्णिमा के अवसर पर लंका स्थित द कला दीर्घा में "अनुसूचित जाति एवं जनजाति की भारत में वर्तमान स्थिति एवं काशी की श्रमण संस्कृति" विषय पर एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। काशी के नागर समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सामाजिक, शैक्षणिक व राजनीतिक मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई।मुख्य वक्ता के रूप में बाराबंकी से सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि बीते वर्षों में भारत की शिक्षा व्यवस्था में गिरावट आई है, खासकर उच्च शिक्षा में। इसका सबसे अधिक असर अनुसूचित जाति के युवाओं पर पड़ा है, जिन्हें पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने कृषि क्षेत्र की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और पिपरमिंट के उदाहरण से बताया कि किस प्रकार विदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देकर देशी किसानों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि जब इस मुद्दे को संसद में उठाया गया, तब सरकार को झुकना पड़ा और भारतीय पिपरमिंट की बिक्री को बढ़ावा देने की पहल शुरू की गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व सांसद और पूर्व अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष डॉ. पी.एल. पुनिया ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने सिर्फ सामाजिक न्याय की नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की बात की थी। लेकिन आज सत्ता में बैठे लोग सामाजिक परिवर्तन के स्तंभों को कमजोर कर अनुसूचित जाति के अधिकारों पर कुठाराघात कर रहे हैं।वरिष्ठ कांग्रेस नेता परमेन्द्र सिंह ने काशी की सामाजिक विरासत को याद करते हुए कहा कि यह भूमि कबीर, रैदास और तुलसी की रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज काशी में अनुसूचित जातियों के अधिकारों को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिसका प्रबुद्ध समाज विरोध करेगा।कांग्रेस नेता संजीव सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा की बजाय शराब की दुकानों को बढ़ावा देना सरकार की सोच को दर्शाता है। उन्होंने राहुल गांधी के संघर्ष की सराहना करते हुए कहा कि वे गांधी, अंबेडकर और नेहरू के सपनों को साकार करने के लिए निरंतर लड़ाई लड़ रहे हैं।स्वागत भाषण में मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. लेनिन रघुवंशी ने कहा कि काशी की परंपरा हमेशा सामाजिक न्याय और समता की रही है। जब-जब इन मूल्यों पर चोट होती है, काशी का समाज खड़ा होता है।विचारगोष्ठी में प्रो. सदानंद शाही (हिंदी विभाग, बीएचयू), डॉ. दिनबंधु तिवारी, राजेश चौधरी, राहुल राज (उपाध्यक्ष, काशी विद्यापीठ) समेत कई विद्वानों ने अपने विचार रखे। संचालन डॉ. शम्मी कुमार सिंह और धन्यवाद ज्ञापन श्रुति नागवंशी (संयोजक, सावित्रीबाई फुले महिला पंचायत) ने किया।इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय अध्यक्ष आदित्य राज सिंह, रोहित राणा, लालू कन्नौजिया, गौरव राव, शैलेंद्र सिंह, पन्ना लाल, सुरोजित चटर्जी सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में सांसद तनुज पुनिया ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव गठबंधन पूरी मजबूती से लड़ेगा। उन्होंने बताया कि सीट बंटवारे का फैसला हाईकमान करेगा और हर बूथ पर गठबंधन के कार्यकर्ता मजबूती से मौजूद रहेंगे।उन्होंने महाराष्ट्र में हिंदी भाषी लोगों पर हो रहे अत्याचार के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने नफरत के माहौल के खिलाफ प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया।

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