आम आदमी पार्टी में बड़ा झटका: शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बगावत, 46 कार्यकर्ताओं ने दिया सामूहिक इस्तीफा

आम आदमी पार्टी के अंदरूनी हालात इन दिनों उथल-पुथल से गुजर रहे हैं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के कथित तानाशाही और भेदभावपूर्ण रवैए से नाराज होकर गुरुवार शाम को वाराणसी में पार्टी के 46 प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। यह बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम कैंटोनमेंट क्षेत्र में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सामने आया।पूर्व जिलाध्यक्ष ई. रमाशंकर सिंह पटेल ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व न केवल कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रहा है, बल्कि उनके साथ मनमाना और अपमानजनक व्यवहार भी कर रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में बिना कोई ठोस कारण बताए वर्तमान जिलाध्यक्ष को हटा दिया गया, जिससे संगठन में असंतोष और नाराजगी की लहर दौड़ गई।पूर्व जिला महासचिव प्रो. अखिलेश पांडेय और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब कोई कार्यकर्ता किसी समस्या या संकट में होता है, तो पार्टी नेतृत्व न तो संवेदना प्रकट करता है और न ही कोई मदद करता है। 

यह रवैया न केवल अमानवीय है, बल्कि पार्टी की लोकतांत्रिक छवि के भी विपरीत है।इस्तीफा देने वालों में जिले के कई प्रमुख पदाधिकारी शामिल हैं, जिनमें पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमला प्रसाद सिंह, पूर्व कोषाध्यक्ष संजय कुमार प्रधान, पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा, डॉ. संजय सिंह (जिला उपाध्यक्ष, रोहनिया प्रभारी), अब्दुल रकीब एडवोकेट (पूर्व जिला उपाध्यक्ष, दक्षिणी विधानसभा प्रभारी), प्रेम यादव (पूर्व जिला सचिव), पीयूष श्रीवास्तव (पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, उत्तरी), अनूप प्रताप (पूर्व सचिव, पिंडरा विधानसभा) सहित सातों विधानसभा के अध्यक्ष व प्रभारियों के नाम प्रमुख हैं।इस्तीफा देने वाले नेताओं ने एक सुर में कहा कि जहां कार्यकर्ताओं का सम्मान न हो और जनभावनाओं की कोई अहमियत न दी जाए, ऐसी पार्टी में बने रहना बेकार है। उन्होंने पार्टी पर आंतरिक लोकतंत्र खत्म करने और जनता से कटने का भी आरोप लगाया।इस सामूहिक इस्तीफे से आम आदमी पार्टी की वाराणसी इकाई को बड़ा झटका लगा है और आने वाले समय में इसके राजनीतिक असर दूरगामी हो सकते हैं।

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