काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में निष्कासित छात्र प्रशांत गिरी ने न्याय की लगाई गुहार, हाईकोर्ट आदेश के बाद भी प्रवेश से वंचित

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के बीपीएड छात्र प्रशांत गिरी को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निष्कासित किए जाने के विरोध में छात्र ने न्याय की गुहार लगाई है। प्रशांत का आरोप है कि 21 सितंबर 2023 को सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में हुई मारपीट की घटना में उसे सीसीटीवी के आधार पर गलत तरीके से पहचाना गया और प्रशासन ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर उसे निष्कासित कर दिया।प्रशांत गिरी, निवासी तेन्दुई पतेरवा, जिला वाराणसी, ने बताया कि घटना से जुड़ी एफआईआर संख्या 369/23 में से उसका नाम बाद में विलोपित कर दिया गया, इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने निष्कासन रद्द नहीं किया।

उसने पहले भी कई बार विश्वविद्यालय से निष्कासन समाप्त करने और पढ़ाई पुनः आरंभ करने की मांग की थी, लेकिन रिव्यू कमेटी ने प्रार्थना अस्वीकार कर दी।प्रशांत ने कहा कि हाईकोर्ट से नोटिस आने के बाद भी BHU प्रशासन प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहा। “क्या BHU हाईकोर्ट से बड़ा हो गया?” – प्रशांत ने सवाल उठाया। उसकी प्रमुख मांग है कि निष्कासन रद्द कर बीपीएड की पढ़ाई जारी रखने और आगामी सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए।प्रशांत ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की है कि उसके भविष्य को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए और उसे न्याय प्रदान किया जाए। मामला अब छात्र हितों से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा बनता जा रहा है। 


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