वाराणसी कैंट स्टेशन पर नाइट मार्केट हटाने के खिलाफ सपा का धरना, डीएम को सौंपा ज्ञापन

कैंट रेलवे स्टेशन के पास नाइट मार्केट को तोड़े जाने के विरोध में बुधवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सर्किट हाउस पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद सपा प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पटरी व्यवसायियों को पुनः बसाने की मांग की। सपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि वाराणसी नगर निगम और पुलिस प्रशासन द्वारा छोटे रेहड़ी-पटरी व्यापारियों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई न सिर्फ मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित है, बल्कि भारत सरकार के पथ विनियमन अधिनियम 2014 का भी उल्लंघन है। धरने में मौजूद नेताओं ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पटरी व्यवसायियों को पीएम स्वनिधि योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।  

प्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार ओवरब्रिजों के नीचे पटरी दुकानदारों को जगह देने का वादा किया गया था। लेकिन नगर निगम ने इस योजना को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्राइवेट एजेंसी को सौंपकर पूंजीपतियों को दुकानें आवंटित कर दीं। इसके चलते अवैध गतिविधियां शुरू हो गईं, जिससे काशी की छवि को नुकसान हुआ और अंततः पूरा ढांचा तोड़ना पड़ा। इससे ईमानदार छोटे दुकानदार भी प्रभावित हुए।प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि केवल कैंट स्टेशन ही नहीं, बल्कि पूरे शहर में बड़े व्यापारियों के दबाव में पटरी व्यवसायियों को लगातार उजाड़ा जा रहा है। इन छोटे दुकानदारों से न केवल हजारों परिवारों की आजीविका जुड़ी है, बल्कि वे शहर के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की आवश्यकताओं को भी पूरा करते हैं। सपा ने मांग की कि रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों को न्याय मिले, उन्हें पुनः बसाया जाए और भविष्य में उन्हें उजाड़ने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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