काशी को 'क्योटो' बनाने का वादा धरा रह गया, सीर गोवर्धनपुर वार्ड में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश की बागडोर संभालते हुए काशी को जापान के क्योटो की तर्ज पर विकसित करने का वादा किया था। लेकिन आज स्थिति यह है कि काशी तो 'क्योटो' नहीं बन सकी, पर जगह-जगह 'टोटो' यानी छोटे वाहन जरूर दिखाई दे रहे हैं। शहर की मूलभूत समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।इसी कड़ी में मंगलवार को सीर गोवर्धनपुर के वार्ड नंबर 23 में भारी बारिश के बाद की स्थिति का जायजा लिया गया, जहां गली-मोहल्लों में जलभराव के कारण लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।हैरानी की बात यह है कि संत शिरोमणि रविदास मंदिर, जहां प्रधानमंत्री और देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री दर्शन के लिए आते रहते हैं, उसी के पास की स्थिति बेहद खराब है। स्थानीय निवासी गोपी यादव ने बताया कि मंदिर से कुछ ही दूरी पर एक इंटरमीडिएट स्कूल स्थित है, जहां लगभग 2000 छात्र पढ़ते हैं।

इनमें से आधे से ज्यादा बच्चों को घुटनों तक भरे गंदे पानी से होकर स्कूल जाना पड़ता है।उन्होंने बताया कि स्थानीय पार्षद से कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नगर निगम को भी सूचित किया गया, पर महीने में मुश्किल से एक-दो बार ही नालियां साफ की जाती हैं।स्थानीय युवक गोलू ने बताया कि क्षेत्र में लंबे समय से जलभराव की समस्या बनी हुई है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य जलजनित रोगों का खतरा बना हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ जगहों पर बिजली के तार काफी नीचे झूल रहे हैं, जो कभी भी किसी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। पिछले वर्ष एक व्यक्ति को करंट भी लग चुका है।निवासियों ने नगर निगम और पार्षद से अपील की है कि वार्ड की इस गंभीर समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके और जनजीवन सामान्य रूप से चल सके।जनता का कहना है कि यदि केवल चुनाव के समय नेताओं को सड़कें और गलियां दिखती हैं, तो वह दर्शन नहीं, वोट की राजनीति का हिस्सा है। लोग अब ठोस विकास कार्यों और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।


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