काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अध्ययनरत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर छात्रावासों में संविधान प्रदत्त 27% आरक्षण लागू करने की मांग की। छात्रों का कहना है कि बीएचयू प्रशासन भारत सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद छात्रावासों में OBC वर्ग के लिए आरक्षण लागू नहीं कर रहा है, जो कि संविधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।ज्ञापन में छात्रों ने बताया कि UGC ने अपने पत्र (D.O.F.No. F.1-8/2014 (SCT), दिनांक 10.07.2014) एवं वर्ष 2006 के दिशा-निर्देशों में स्पष्ट रूप से छात्रावासों में आरक्षित वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने और छात्रावास शुल्क में छूट देने की बात कही है। इसके अतिरिक्त, 19 अप्रैल 2024 को भी UGC सचिव द्वारा एक बार फिर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को इन नियमों का कठोरता से पालन करने का निर्देश दिया गया।
छात्रों का यह भी आरोप है कि 29 दिसंबर 2021 को गठित पांच सदस्यीय समिति, जिसकी अध्यक्षता प्रो. जी.सी.आर. जायसवाल ने की थी, ने भी छात्रावासों में OBC आरक्षण लागू करने की अनुशंसा की थी, लेकिन रिपोर्ट को आज तक दबा दिया गया और छात्रों को भ्रामक जानकारी देकर गुमराह किया जा रहा है।ज्ञापन के साथ छात्रों ने छह महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संलग्न करते हुए अपने पक्ष को मजबूत किया, जिनमें UGC के दिशा-निर्देश, संबंधित अधिनियमों के अंश, और PIB की आरक्षण पर जारी सूचनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर शीघ्र निर्णय नहीं लेता, तो उन्हें संविधानिक और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।छात्रों ने मांग की कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही छात्रावासों में OBC वर्ग को 27% आरक्षण की सुविधा दी जाए, जिससे उन्हें भी शिक्षा के लिए समान अवसर और उचित वातावरण मिल सके। इस ज्ञापन की प्रतिलिपि महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को भी भेजी गई है।