पूर्वांचल में मानसून की पहली भारी बारिश ने नदियों का रौद्र रूप सामने ला दिया है। काशी में गंगा नदी का जलस्तर पिछले 50 घंटे में 2.96 मीटर तक बढ़ चुका है। इससे घाट किनारे स्थित करीब 20 छोटे मंदिर डूब गए हैं।गंगा द्वार से मणिकर्णिका घाट तक का संपर्क टूट गया है। घाटों की सीढ़ियां जलमग्न हो चुकी हैं और यदि जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा, तो घाटों पर आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाएगी।केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर हर घंटे 10 सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। बुधवार सुबह 8 बजे जलस्तर 62.28 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो अब भी चेतावनी बिंदु से 8.31 मीटर नीचे है, लेकिन खतरा लगातार बढ़ रहा है गंगा में बहाव तेज हो गया है।
बहकर आए शैवाल और कचरा नाविकों के लिए मुसीबत बन गए हैं। अस्सी और सामने घाट के पास रेत के टीले का दो तिहाई हिस्सा डूब चुका है।प्रशासन और एनडीआरएफ अलर्ट पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आपात बैठक कर बाढ़ से निपटने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वाराणसी में तैनात 11 एनडीआरएफ की टीमें तैयार की जा चुकी हैं, जो जरूरत पड़ने पर यूपी के 42 जिलों में राहत कार्य करेंगी।उन्नाव में पुलिस चौकी में पानी घुस गया, सिपाहियों ने बाल्टियों से पानी निकाला।बाराबंकी में सरयू नदी में कटान तेज, तटवर्ती गांवों को बचाने के लिए बोल्डर डाले जा रहे हैं।लखीमपुर खीरी में सर्वाधिक 212 मिमी बारिश दर्ज की गई।मौसम विभाग ने अगले 6 दिनों तक भारी बारिश और 38 जिलों में बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। लोगों से सतर्क रहने और नदी किनारे न जाने की अपील की गई है।