40 करोड़ का हनुमान मंदिर कॉरिडोर पहली ही बाढ़ में ढहा, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल

प्रयागराज के संगम तट पर बने बड़े हनुमान मंदिर के 40 करोड़ रुपये के कॉरिडोर प्रोजेक्ट का पहला चरण पहली ही बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया। गंगा में आई बाढ़ ने मंदिर परिसर की दीवारों और कॉरिडोर में लगे राजस्थानी लाल पत्थरों को उखाड़ दिया, जबकि दीवारों के हिस्से भी टूट गए।यह प्रोजेक्ट महाकुंभ से पहले पूरा कर 13 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पित किया था। कुल 11,589 वर्ग मीटर में बनने वाली इस परियोजना का पहला चरण पूरा हो चुका था, जबकि दूसरा चरण अभी निर्माणाधीन है।

स्थानीय लोगों और जानकारों का कहना है कि संगम क्षेत्र में बाढ़ हर साल आती है, इसलिए स्थायी निर्माण को इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए था। ऐसे में कुछ ही महीनों में ढांचा कमजोर पड़ जाना निर्माण की गुणवत्ता, मानकों की अनदेखी और घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर सवाल खड़े करता है।सरकार ने महाकुंभ को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन के लिए इस कॉरिडोर को मंजूरी दी थी, लेकिन शुरुआती क्षति ने परियोजना की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

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