सावन माह के अंतिम और चौथे सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस पावन अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमाओं का विशेष रुद्राक्ष श्रृंगार किया गया, जो श्रद्धालुओं के लिए दिव्य अनुभूति का स्रोत बना।मंदिर प्रशासन द्वारा भगवान शिव के शिवलिंग और माता पार्वती की अचल प्रतिमाओं को सैकड़ों रुद्राक्ष की मालाओं से भव्य रूप में सजाया गया। मंदिर परिसर भी फूलों और रुद्राक्ष से इस तरह सुसज्जित था कि वहां उपस्थित हर श्रद्धालु भावविभोर हो गया।श्रृंगार के बाद भगवान शिव की विधिवत आरती संपन्न हुई। 'हर हर महादेव' के जयघोष से गूंजता परिसर शिवमय हो गया। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि इस विशेष श्रृंगार में पांच मुखी, सात मुखी सहित कई दुर्लभ रुद्राक्षों का उपयोग किया गया है। यह श्रृंगार केवल भक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि कला और श्रद्धा का भी सुंदर उदाहरण रहा।श्रद्धालुओं के लिए यह दृश्य न केवल पूजन का अवसर था, बल्कि एक अलौकिक अनुभव भी।
अंतिम सोमवार को बाबा के दर्शन हेतु लगभग 7 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे, जिनमें से अधिकतर ने बाबा की झांकी और आरती में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किया।यह आयोजन काशीवासियों और श्रद्धालुओं के लिए लंबे समय तक स्मरणीय रहेगा।