दुर्गाकुंड-संकटमोचन मार्ग स्थित त्रिदेव मंदिर में सावन के अंतिम रविवार को भव्य जलविहार श्रृंगार का आयोजन किया गया। इस अलौकिक आयोजन में मंदिर परिसर को 20 हजार कमल के फूलों और हजारों अन्य पुष्पों से सुसज्जित किया गया, जिससे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।श्रद्धालु जल मार्ग से होते हुए मंदिर पहुंचे, जहां राधारानी को मोहक वृंदावन शैली के फूल बंगले में विराजमान किया गया। झांकी में राधारानी के अलावा हिम शिवलिंग और द्वादश ज्योतिर्लिंगों की झलक भी आकर्षण का केंद्र रही।विभिन्न झूलों पर विराजे भगवान गणेश, हनुमानजी, शंकर-पार्वती, श्रीहरि विष्णु, श्रीराम दरबार, खाटू श्याम और राणी सती के रूपों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंदिर में विराजमान राणी सती, सालासर हनुमान और खाटू श्याम प्रभु को सुंदर श्रृंगार कर 56 भोग अर्पित किए गए।कोलकाता से आए कारीगरों ने फूलों और पत्तियों से गुफा और एक मनोहारी झील का निर्माण किया, जो भक्तों के लिए एक विशिष्ट दृश्य बना। मंदिर की सजावट में 2000 किलो कामिनी की पत्तियाँ, 500 किलो आर्किड, बेला और चमेली के फूलों का उपयोग किया गया।इस आयोजन को सफल बनाने में त्रिदेव मंदिर राणी सती श्याम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष भरत सराफ और मंत्री राधे गोविंद केजरीवाल ने विशेष भूमिका निभाई।
तीनों विग्रहों की आरती के साथ पूरा परिसर भक्तिरस में डूब गया। आयोजन में मंदिर सेवक परिवार के सदस्यों ने भी सक्रिय सहयोग दिया। यह आयोजन सावन के अंतिम रविवार को श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय और आध्यात्मिक अनुभव बनकर उभरा।