वाराणसी के कोनिया, राजघाट और नक्खी घाट इलाकों में बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब गंदगी और दुर्गंध ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। गलियों में जलकुंभी, कचरा और बदबूदार कीचड़ की मोटी परत जमी है, जबकि कई घरों पर अब भी ताले लटके हैं। कोनिया पुल मार्ग पर तीन दिन से पड़ी गाय का शव भी भीषण दुर्गंध फैला रहा है, लेकिन नगर निगम की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
स्थानीय लोग खुद अपने घरों और गलियों की सफाई में जुटे हैं, मगर दूषित पानी और असहनीय बदबू के बीच उनका जीना मुश्किल हो रहा है। कई परिवार पीने के लिए बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता झाड़ू, सेनेटाइजर और ब्लीचिंग पाउडर लेकर साफ-सफाई अभियान में जुट गए हैं। सपा युवजन सभा के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित ने नगर निगम की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि गंदगी और कीचड़ से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल सफाई और मृत गाय को हटाने की मांग की। लोगों का कहना है कि बाढ़ का पानी भले ही उतर गया हो, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही ने उन्हें गंदगी और बीमारी के साए में जीने पर मजबूर कर दिया है।