काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शताब्दी कृषि प्रेक्षाग्रह कृषि विज्ञान संस्थान के सभागार में हाल ही में आयोजित कार्यशाला में शोध पत्र पब्लिशिंग के गुर साझा किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत मालवी जी की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं को यह सिखाना था कि उच्च गुणवत्ता वाला रिसर्च पेपर कैसे तैयार किया जाए और उसे सही जर्नल में प्रकाशित करवाया जाए। विशेषज्ञों ने बताया कि रिसर्च पेपर में शीर्षक उद्देश्य और निष्कर्ष के बीच सामंजस्य होना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, शोधकर्ता को पहले से यह तय करना चाहिए कि वे किस जर्नल में पेपर प्रकाशित करना चाहते हैं, क्योंकि हर जर्नल की फॉर्मेटिंग और लेखन शैली अलग होती है।विशेष रूप से एब्स्ट्रेक्ट Abstract को संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली तरीके से लिखना आवश्यक है, जिसमें यह स्पष्ट हो कि विषय पर अब तक क्या काम हुआ, आप क्या नया काम कर रहे हैं और आपकी रिसर्च पुरानी साहित्य समीक्षा में कैसे फिट होती है। इन बिंदुओं का पालन न करने पर पब्लिशर अक्सर पेपर रिजेक्ट कर देते हैं।
कार्यशाला में यह भी जोर दिया गया कि सही जर्नल चयन, फॉर्मेटिंग और रिसर्च पेपर की संरचना पर ध्यान देने से आपके पेपर के स्वीकार होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। यह पहल शोधकर्ताओं को उनकी रिसर्च को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने में मदद करेगी।