मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम का वाराणसी दौरा अब तीन दिवसीय कार्यक्रम में परिवर्तित कर दिया गया है, जो भारत और मॉरीशस के बीच गहरे कूटनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत करने का प्रतीक माना जा रहा है। प्रधानमंत्री रामगुलाम 10 सितंबर की शाम वाराणसी पहुंचेंगे और एयरपोर्ट से सीधे होटल ताज जाएंगे, जहां उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए आमंत्रित किया जाएगा।11 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वाराणसी आएंगे, जहां उनका स्वागत केंद्रीय और राज्य स्तर के मंत्री, मेयर, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी करेंगे। दोनों नेताओं के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में व्यापार, निवेश, पर्यटन, शिक्षा, डिजिटल तकनीक, जल संरक्षण और सांस्कृतिक सहयोग के मुद्दों पर गहन चर्चा की जाएगी। इससे दोनों देशों के बीच नई साझेदारियों और आर्थिक अवसरों के द्वार खुलने की उम्मीद है।वार्ता के बाद दोनों नेता शाम को गंगा आरती में शामिल होंगे।
यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को भी प्रदर्शित करता है। स्थानीय प्रशासन ने गंगा घाटों पर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के व्यापक इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालु और पर्यटक सुरक्षित रूप से कार्यक्रम का आनंद ले सकें।दूसरे दिन यानी 12 सितंबर को प्रधानमंत्री रामगुलाम बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। इस दौरान उन्हें स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक रीति-रिवाजों के बारे में अनुभव मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा व व्यवस्थाएँ की गई हैं, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा या सुरक्षा चुनौती न हो।विशेषज्ञों के अनुसार, इस दौरे से न केवल राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्ते मजबूत होंगे, बल्कि व्यापार, शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए अवसर भी खुलेंगे। दोनों देशों के नागरिकों और उद्योगपतियों के लिए यह अवसर आपसी सहयोग और निवेश के लिए नए मार्ग खोल सकता है। वाराणसी शहर इस ऐतिहासिक दौरे की तैयारियों में पूरी तरह जुटा हुआ है, और स्थानीय प्रशासन ने इसे शहर की सुरक्षा, यातायात और व्यवस्थाओं के लिए एक बड़े परीक्षण के रूप में देखा है।