पावन नगरी काशी की आध्यात्मिकता और संस्कृति से प्रभावित होकर मेक्सिको के दंपती सिमोन एड्रियन सैंडोवाल पिनेडा और उनकी पत्नी लुसिंदा मारिया टोरेस मेरिना ने अपनी शादी की 25वीं सालगिरह को खास अंदाज़ में मनाया। दोनों ने वाराणसी के ऐतिहासिक अहिल्याबाई घाट पर पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ पुनर्विवाह कर इस पल को यादगार बना दिया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सिमोन ने लुसिंदा की मांग में सिंदूर भरा, मंगलसूत्र पहनाया और अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। भारतीय संस्कृति से गहराई से प्रभावित इस दंपती ने कहा कि हिंदू विवाह केवल एक जन्म का नहीं बल्कि सात जन्मों का बंधन होता है, और वे चाहते हैं कि उनका रिश्ता भी उतना ही पवित्र और स्थायी बने। लुसिंदा ने बताया कि भारत आकर उन्हें आत्मिक शांति का अनुभव हुआ जो पहले कभी नहीं मिला।
इस आयोजन में स्थानीय गाइड रविंद्र साहू और आयुष्मान चन्द्रवंशी ने पूरी व्यवस्था की, जबकि पंडित आशुतोष ने वैदिक विधियों के अनुसार विवाह संपन्न कराया। इस अनोखे समारोह में स्थानीय लोगों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और गर्व महसूस किया कि एक विदेशी दंपती ने भारतीय परंपरा को सम्मानपूर्वक अपनाया।