2026 के शिक्षक विधान परिषद एमएलसी चुनाव से पहले वित्त-विहीन शिक्षकों ने बड़ा कदम उठाते हुए एक संयुक्त संगठन की घोषणा की है। प्रदेश के सबसे बड़े उत्तर प्रदेश वित्त-विहीन शिक्षक महासभा के सभी संगठनों ने मिलकर अब एक मंच पर आने का निर्णय लिया है।बैठक में आठ जिलों — वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र और बलिया — के लिए चुनावी रणनीति बनाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से राजेंद्र प्रसाद सिंह को प्रदेशाध्यक्ष चुना गया। उन्होंने कहा कि पहला लक्ष्य वाराणसी मंडल में रिकार्ड मतदाता बनाने का होगा।शिक्षक नेता ऋतिका दुबे ने बताया कि अब सभी संगठन एक नाम के तहत काम करेंगे और वित्तविहीन शिक्षक भी चुनावी मतदाता सूची में शामिल होंगे। इसके लिए जिला और प्रदेश निर्वाचन अधिकारियों से भी संपर्क किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी शिक्षक को मतदाता सूची से वंचित नहीं रखा जाएगा।
ऋतिका दुबे ने यह भी बताया कि वर्तमान में वित्तविहीन से जुड़े चार एमएलसी विधान परिषद में मौजूद हैं और संगठन की एकजुटता पर जल्द ही बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। बैठक में वाराणसी के जिलाध्यक्ष प्रमोद मिश्रा, सोनभद्र से उमाकांत मिश्रा, कॉलेज प्रबंधक राजेश उपाध्याय, विजेंद्र देव पांडे, अखिलेश सिंह, मनोज पटेल, संतोष गुप्ता समेत कई अन्य नेता उपस्थित रहे।इस संगठन के गठन से वित्तविहीन शिक्षकों में एकजुटता आई है और यह चुनाव में उनके लिए निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।