वाराणसी में डाला छठ पर्व के करीब आते ही नगर निगम घाटों की सफाई में जुट गया है। गंगा घाट पर पड़े सिल्ट और गंदगी को साफ करने का कार्य नगर निगम द्वारा धीमी गति से शुरू किया गया। पर्व के कुछ ही दिन शेष रहने के कारण निगम कर्मचारियों ने घाटों पर सफाई शुरू कर दी है।घाट पर रहने वाले पुरोहित विशाल शास्त्री ओढेकर ने बताया कि घाटों की सफाई में निकाली गई मिट्टी विशेष औषधीय गुणों से भरपूर है। उन्होंने कहा कि यह मिट्टी न केवल पूजा-पाठ और बर्तन धोने में उपयोगी है, बल्कि पेड़-पौधे लगाने और कृषि कार्यों में भी लाभकारी हो सकती है।विशाल शास्त्री ने आगे कहा कि “गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के दौरान दूर-दूर से मिट्टी बहकर आती है। यदि इसे संरक्षित किया जाए, तो इसका जीवन में कई तरह से उपयोग किया जा सकता है।
घर में तुलसी या अन्य पौधे लगाने के लिए यह सबसे पवित्र मानी जाती है। यही नहीं, पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों में भी गंगा की मिट्टी अनिवार्य है।”उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मिट्टी घर में रखने पर कोई हानि नहीं होती, बल्कि इसे सही तरीके से उपयोग करने से यह अनेक कार्यों में लाभकारी साबित होती है।नगर निगम की यह पहल न केवल घाटों को स्वच्छ बनाएगी, बल्कि गंगा की पवित्र मिट्टी का महत्व भी लोगों तक पहुँचाएगी।
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