उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्में 24 वर्षीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 का खिताब जीतकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। लंबे समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे लक्ष्य ने जापान के युशी तनाका को महज 38 मिनट में मात देकर शानदार अंदाज़ में वापसी की है।लक्ष्य सेन देश के लिए कई मेडल जीत चुके हैं। उनके लिए बैडमिंटन सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि परिवार के सपनों और त्याग का प्रतीक रहा है। पिता धीरेंद्र कुमार सेन और माता निर्मला सेन ने अपने बेटों लक्ष्य और चिराग को उत्कृष्ट प्रशिक्षण और शिक्षा देने के लिए अनेक त्याग किए। यह मेहनत अब लगातार फल दे रही है।
कम उम्र से ही लक्ष्य ने खेल में असाधारण प्रतिभा दिखाई। डेढ़ साल की उम्र में पहली बार रैकेट हाथ में लेना, छह साल की उम्र में बड़े खिलाड़ियों को हराना और नौ साल में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता अपने नाम करना। यह सभी उपलब्धियां बताती थीं कि यह युवा खिलाड़ी एक दिन देश का गौरव बढ़ाएगा।ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 का खिताब जीतकर लक्ष्य ने साबित कर दिया कि वह अभी भी विश्व बैडमिंटन में एक बड़ा नाम हैं और आने वाले समय में देश के लिए और भी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।

