गांधी शिल्प मेला में उमड़ी खरीदारों की भीड़, एक सप्ताह में 40 लाख की हुई बिक्री

वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार एवं पूर्वांचल निर्यातक संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित गांधी शिल्प बाजार (राष्ट्रीय) में देशभर के हस्तशिल्पी और बुनकर अपने विशेष उत्पादों के साथ शामिल हुए हैं। मेले में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है और महज एक सप्ताह के भीतर 40 लाख रुपये की खरीदारी हो चुकी है। 

पूर्वांचल निर्यातक संघ के अध्यक्ष श्री रघु मेहरा ने बताया कि इस मेले में कन्याकुमारी से लेकर श्रीनगर तक, पश्चिम में मुंबई से लेकर सुदूर पूर्व के असम, दार्जिलिंग और नागालैंड तक के हस्तशिल्पी एवं बुनकरों ने भाग लिया है। उन्होंने बताया कि यहां प्रदर्शित वस्तुएं लोगों को काफी आकर्षित कर रही हैं और हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। भारत के शिल्प उद्योग की विशेषता बताते हुए श्री मेहरा ने कहा कि यह उद्योग आधुनिक यंत्रों और तकनीक पर कम, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों और हाथ के हुनर पर अधिक निर्भर है। हस्तशिल्प वस्तुएं न केवल घर की सजावट के लिए होती हैं, बल्कि दैनिक जीवन में उपयोगी और स्वास्थ्यवर्धक भी होती हैं। 

सर्दियों की शुरुआत के साथ ही मेले में कुल्लू, हिमाचल और श्रीनगर के ऊनी वस्त्र, लेदर जैकेट, नागालैंड के ड्राई फ्लावर क्राफ्ट, झारखंड की मधुबनी पेंटिंग, बिहार की भागलपुरी साड़ी, मैसूर की हैंड पेंटिंग, असम का बंबू क्राफ्ट, गुजरात की भुज प्रिंटिंग व एम्ब्रॉयडरी तथा राजस्थान की आर्टिफिशियल ज्वेलरी जैसी अनेक पारंपरिक और आकर्षक वस्तुएं उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं। 

इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष नवीन कपूर ने काशी की जनता के प्रति आभार जताते हुए कहा कि जनता जितनी अधिक खरीदारी करेगी, उतना ही हस्तशिल्पियों का उत्साह बढ़ेगा और देश में हस्तनिर्मित कलात्मक वस्तुओं की मांग में वृद्धि होगी। कार्यक्रम में पूर्वांचल निर्यातक संघ के कोषाध्यक्ष राजेश कुशवाहा, अनिल अग्रवाल, अमिताभ सिंह, सरिता वर्मा और रईस अहमद उपस्थित रहे। सभी ने काशीवासियों से हस्तनिर्मित उत्पादों की खरीदारी कर 'मेक इन इंडिया' को सशक्त बनाने की अपील की।



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