एआईसी–बीएचयू में भू-राजनीति, ट्रैवल व आर्थिक विकास पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस सम्पन्न

अटल इन्क्यूबेशन सेंटर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में “भू-राजनीति, ट्रैवल एवं आर्थिक विकास” विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन हुआ। यह सम्मेलन इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ बिजनेस (अमेरिका) और दिवि वेलफेयर सोसाइटी (भारत) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें राजनीति विज्ञान विभाग, बीएचयू और एआईसी-बीएचयू का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से 100 से अधिक शोध–पत्र प्रस्तुत किए गए।कॉन्फ्रेंस को वैश्विक स्वरूप देते हुए इसके समानांतर सत्र अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय, नाइजीरिया के ओयो विश्वविद्यालय और भारत के आगरा विश्वविद्यालय में भी आयोजित किए गए। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा (पूर्व कुलपति, AKTU एवं JKTU) ने कहा कि बदलती विश्व व्यवस्था में भू-राजनीति एक निर्णायक शक्ति बन चुकी है। मुख्य वक्ता प्रो. तेज प्रताप सिंह (राजनीति विज्ञान विभाग, BHU) ने भू-राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और आधुनिक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की।

विशिष्ट अतिथियों प्रो. ए.के. जैन और डॉ. राकेश तिवारी ने भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में उसकी बढ़ती भूमिका पर विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. जगदीश राय ने दिवि वेलफेयर सोसाइटी के सामाजिक कार्यों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी साझा की।समापन सत्र में मुख्य अतिथि स्वामी सचिन्द्रानंद जी ने वैश्विक शांति, कूटनीति और मानवता के मूल्यों पर आध्यात्मिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथियों श्री समित सिंह (सदस्य, भारत सरकार) और डॉ. मोहम्मद आरिफ (विभागाध्यक्ष, राजनीति शास्त्र) ने युवाओं को वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने और शोध के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी।दिवि वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक श्री बीर भद्र सिंह ने देश-विदेश से जुड़े शिक्षाविदों, प्रोफेसरों, शोधार्थियों एवं छात्रों के योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मेलन युवा शोधार्थियों और नीति-निर्माताओं को भू-राजनीति, पर्यटन और आर्थिक विकास की वैश्विक चुनौतियों एवं अवसरों की गहन समझ प्रदान करेगा।आयोजन में विकास जी, रविकांत जी, डॉ. गौतम भारती सहित पूरी टीम की सक्रिय भूमिका रही। साथ ही एआईसी-बीएचयू के प्रो. पीवी राजीव (प्रोफेसर इन-चार्ज) और डॉ. नन्द लाल (सीएओ) के विशेष सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।



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