काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल में ओपीडी पर्चा शुल्क बढ़ाए जाने के विरोध में NSUI–BHU इकाई ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने कहा कि पर्चा शुल्क लगातार बढ़ाया जा रहा है—पहले कम दर पर मिलने वाला पर्चा अब बढ़कर ₹50 कर दिया गया है, जिससे गरीब, मध्यम वर्गीय मरीजों और छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।NSUI ने बताया कि कई सरकारी संस्थानों में ओपीडी पर्चा शुल्क या तो बेहद न्यूनतम है या पूरी तरह माफ है, जबकि BHU में अचानक हुई यह वृद्धि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सीमित कर सकती है।
उनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले हजारों मरीज पहले ही आर्थिक कठिनाइयों से जूझते हैं, ऐसे में बढ़ी हुई फीस उनके उपचार में बाधा बन सकती है।छात्र संगठन ने शुल्क वृद्धि की तत्काल समीक्षा, नई शुल्क नीति बनाने, छात्रों व हितधारकों के साथ पब्लिक फोरम मीटिंग, पर्चा बुकलेट की उपयोगिता रिपोर्ट सार्वजनिक करने, और भविष्य में किसी भी शुल्क वृद्धि से पहले सलाह-मशविरा करने की मांग की है।NSUI ने कहा कि BHU का दायित्व है कि वह सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराए। संगठन ने कुलपति से मुलाकात कर समाधान निकालने की इच्छा भी जताई है।

