क्रिसमस पर्व पर पवित्र नगरी काशी पूरी तरह उल्लास और खुशियों में डूबी नजर आई। रात के 12 बजे, वाराणसी के करीब 40 गिरजाघरों में एक साथ घंटे बज उठे और प्रभु यीशु मसीह के जन्म का पावन संदेश गूंज उठा। कैरल गीतों के साथ श्रद्धालुओं ने प्रभु यीशु के जन्म की खुशी मनाई और एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं।
छावनी स्थित सेंट मेरीज कैथेड्रल चर्च (महागिरजा) में काशी धर्मप्रांत के बिशप यूजिन जोसफ की अगुवाई में रात्रि 10:30 बजे से मीसा पूजा आरंभ हुई। ठीक मध्यरात्रि में बिशप ने बालक स्वरूप में प्रभु यीशु को अपने हाथों में लेकर श्रद्धालुओं को उनके दर्शन कराए। बालरूप झांकी के दर्शन कर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। इस अवसर पर बिशप ने विश्व शांति, सद्भाव और मानव कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की, वहीं मसीही समाज द्वारा सामूहिक बाइबिल पाठ भी किया गया।
क्रिसमस के मौके पर शहर के सभी चर्च रंग-बिरंगी रोशनी, क्रिसमस ट्री और आकर्षक सजावट से जगमगाते नजर आए। विशेष प्रार्थना सभाएं, कैरोल गायन और मध्यरात्रि मास का आयोजन हुआ। बच्चों में खास उत्साह देखा गया, जब सेंटा क्लॉस ने उन्हें उपहार बांटे। इसके अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में लगे क्रिसमस मेलों में केक, गिफ्ट और सजावटी सामान की खरीदारी से बाजारों में रौनक बनी रही।कुल मिलाकर, वाराणसी में क्रिसमस पर्व प्रेम, भाईचारे और धार्मिक सौहार्द का संदेश देते हुए हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

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