कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जहां खेत की रखवाली कर रहे किसान की आग से जिंदा जलकर मौत हो गई। जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तब तक किसान का सिर्फ कंकाल ही शेष बचा था। पुलिस ने कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।उमरी गांव के रहने वाले 55 वर्षीय किसान रज्जन शर्मा को चार दिन पहले पैरालाइसिस का अटैक पड़ा था, जिसके कारण वह चल-फिर नहीं पा रहे थे। उन्होंने प्रहलाद सचान का खेत बटाई पर ले रखा था और वहीं लगे ट्यूबवेल पर चारपाई डालकर सोया करते थे।रात रज्जन खेत की रखवाली के लिए गए थे।
इसी दौरान रात में ठंड बढ़ी तो गांव के अन्य किसान करीब 9:30 बजे ट्यूबवेल पर पहुंचे। रज्जन की चारपाई से लगभग 2 फीट दूरी पर अलाव जलाया गया। सभी लोग आग सेकते हुए रात 12 बजे तक वहीं बैठे रहे और फिर अपने-अपने खेतों की ओर चले गए। रज्जन रजाई ओढ़कर सो गए।तड़के लगभग 3 बजे गांव वालों ने देखा कि ट्यूबवेल की तरफ आग की बड़ी लपटें उठ रही हैं। रामकिशोर और कृष्णशंकर जब मौके पर पहुंचे तो पाया कि रज्जन शर्मा आग की चपेट में आकर जल चुके थे और वहां सिर्फ उनका कंकाल पड़ा था। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।करीब 4 बजे पुलिस और दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे और आग को बुझाया। पुलिस ने शव के अवशेष कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।थाना प्रभारी अवनीश कुमार के अनुसार, चारपाई के पास अलाव जलाया गया था। संभव है कि आग की कोई चिंगारी बिस्तर पर गिर गई हो या फिर सोते समय रजाई या कपड़ा अलाव पर गिर गया हो, जिससे आग भड़क गई और किसान उसकी चपेट में आ गए। इस हादसे से पूरे गांव में शोक की लहर है।

