बीएचयू में आयुर्वेद पर अंतरराष्ट्रीय मंथन, ICCRA-2025 से खुलेगा वैश्विक स्वास्थ्य का नया मार्ग

भारत की प्राचीन एवं समृद्ध चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहा है। आयुर्वेद संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS-BHU) द्वारा “कटिंग एज रिसर्च इन आयुर्वेदः ट्रांसफॉर्मिंग ग्लोबल हेल्थ (ICCRA-2025)” विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 17 से 19 दिसंबर 2025 तक के.एन. उडुपा ऑडिटोरियम, IMS-BHU में किया जाएगा।इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सहित पाँच से अधिक देशों से आयुर्वेद, पारंपरिक चिकित्सा, आधुनिक चिकित्सा एवं मूलभूत विज्ञानों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भाग लेंगे। सम्मेलन के दौरान 30 से अधिक वैज्ञानिक सत्रों में 300 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा में हो रहे नवीनतम अनुसंधान, नवाचारों और भविष्य की संभावनाओं पर व्यापक चर्चा होगी।

सम्मेलन का उद्घाटन सत्र 17 दिसंबर 2025 को प्रातः 11:00 बजे से 1:00 बजे तक आयोजित होगा, जिसमें प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, कुलपति, बीएचयू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. एस. एन. संखवार, निदेशक, IMS-BHU करेंगे। विशिष्ट अतिथियों में टैखोन ली (अध्यक्ष, KIFRA, दक्षिण कोरिया), प्रो. स्वर्णा हपुआरच्ची (पूर्व निदेशक, इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिजिनस मेडिसिन, कोलंबो विश्वविद्यालय, श्रीलंका) तथा प्रो. बिजेंद्र शाह (इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिसिन, काठमांडू, नेपाल) शामिल रहेंगे।यह सम्मेलन प्रो. पी. के. गोस्वामी, अधिष्ठाता, आयुर्वेद संकाय, IMS-BHU (आयोजन अध्यक्ष) के नेतृत्व में तथा डॉ. ए. के. द्विवेदी (आयोजन सचिव) के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है।

ICCRA-2025 के अंतर्गत प्लेनरी व्याख्यान, विषयगत वैज्ञानिक सत्र, पैनल चर्चाएँ और शोध पत्र प्रस्तुतियाँ आयोजित होंगी। इनमें आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकार्यता, निवारक स्वास्थ्य देखभाल, न्यूट्रास्यूटिकल्स, एथ्नोमेडिसिन, डिजिटल नवाचार, सतत स्वास्थ्य प्रणाली, समन्वित चिकित्सा मॉडल एवं साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन किया जाएगा।प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के सेतु के रूप में यह सम्मेलन न केवल अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संवाद को सशक्त करेगा, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में आयुर्वेद की भूमिका को भी नई दिशा प्रदान करेगा। आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय आयोजन आयुर्वेद के क्षेत्र में बीएचयू की वैश्विक नेतृत्वकारी भूमिका को और अधिक मजबूत करेगा।




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