लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में महिला डॉक्टर से कथित तौर पर “शादी करनी है तो मुसलमान बनो” कहकर मानसिक और भावनात्मक प्रताड़ना देने के आरोपी डॉक्टर को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया। आरोपी डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। मामले में उसके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित महिला डॉक्टर से फोन पर बात कर पूरे मामले की जानकारी ली। पीड़िता ने मुख्यमंत्री को बताया कि आरोपी डॉक्टर KGMU में एक गैंग बनाकर धर्मांतरण कराने का दबाव बनाता था। इस पर मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष जांच का भरोसा देते हुए कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। योगी सरकार ने KGMU प्रशासन से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
पीड़ित महिला डॉक्टर की सुरक्षा को देखते हुए 24 घंटे पुलिस सुरक्षा तैनात कर दी गई है। मामले की जांच सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ वुमन एट वर्कप्लेस एक्ट के तहत गठित विशाखा कमेटी द्वारा की गई, जिसने अपनी रिपोर्ट KGMU प्रशासन को सौंपी। रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ सबूत मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे निलंबित कर दिया।पीड़ित डॉक्टर KGMU से एमडी पैथोलॉजी कर रही हैं, जबकि आरोपी डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक उसी विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर है और एमडी पैथोलॉजी थर्ड ईयर का छात्र है। आरोपी उत्तराखंड का रहने वाला है, जबकि पीड़िता पश्चिम बंगाल की निवासी बताई जा रही हैं।गंभीर आरोपों के बीच यह भी सामने आया है कि 17 दिसंबर को पीड़ित डॉक्टर ने मानसिक तनाव के चलते दवाओं की ओवरडोज लेकर आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें KGMU के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। 19 दिसंबर को पीड़िता के परिजन लखनऊ पहुंचे, तब पूरे मामले का खुलासा हुआ।
परिवार का आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने इसी साल फरवरी में एक अन्य हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कराकर गुपचुप तरीके से शादी भी की थी।सोमवार को पीड़ित महिला डॉक्टर अपने डॉक्टर पिता के साथ लखनऊ स्थित राज्य महिला आयोग के कार्यालय पहुंचीं, जहां उन्होंने उपाध्यक्ष अपर्णा यादव से मुलाकात की। पीड़िता ने कहा, “मुझे बहुत प्रताड़ित किया गया है। मैं डरी हुई हूं।” पीड़िता की आपबीती सुनकर अपर्णा यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।इसी दिन आरोपी डॉक्टर जांच कमेटी के सामने पेश हुआ। पहले उसने बीमारी का हवाला देकर पेश होने से बचने की कोशिश की, लेकिन कमेटी ने उसकी छुट्टी की मांग खारिज कर दी। इसके बाद वह दोपहर में अपने रेजिडेंट डॉक्टर पिता के साथ कमेटी के समक्ष उपस्थित हुआ। आरोपी ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह शादीशुदा नहीं है। इस पर कमेटी ने उससे एफिडेविट जमा करने के निर्देश दिए हैं।फिलहाल, मामले की जांच जारी है और प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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