वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में कथित भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दों और अवैध फार्मेसी संचालन के विरोध में छात्र अब खुलकर सामने आ गए हैं। दिव्यांशु त्रिपाठी और सत्यनारायण सिंह के नेतृत्व में छात्र प्रतिनिधिमंडल—मनीष, सुमित, शुभम और सूर्यांश—ने सोमवार को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी को ज्ञापन सौंपकर त्वरित उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
छात्रों का कहना है कि अस्पताल में कई अनियमितताएँ लंबे समय से अधिकारियों के संरक्षण में चल रही हैं, जिन पर अब रोक लगना आवश्यक है।छात्रों के अनुसार, नर्सिंग ऑफिसर प्रकाश चंद्र शर्मा पर एक महिला के साथ छेड़छाड़ का मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन इसके बावजूद न तो उनका निलंबन किया गया और न ही विभागीय जांच शुरू हुई। आरोप यह भी लगाया गया कि उनकी नियुक्ति कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई है।छात्रों ने बताया कि अस्पताल परिसर में स्थित उमंग फार्मेसी का टेंडर महीनों पहले समाप्त हो चुका है, फिर भी यह कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से अब भी संचालित है।छात्रों का आरोप है कि—जेनेरिक दवाएं मरीजों को बाजार से अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं।
केवल एक लाइसेंस के दम पर 15 से अधिक अवैध मेडिकल स्टोर चल रहे हैं, जो पूरी तरह गैरकानूनी है।प्रतिनिधि सत्यनारायण सिंह के अनुसार, चिकित्सालय की लापरवाही के चलते इस वर्ष 4–5 छात्रों की मृत्यु तक हो चुकी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालकर मामले से बचता रहा। उन्होंने कहा कि सुन्दरलाल जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल में ऐसी घटनाएँ बेहद चिंताजनक हैं।हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा जी ने सुन्दरलाल चिकित्सालय को AIIMS का दर्जा दिया है और इसके विकास के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये भी स्वीकृत हुए हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर लापरवाही किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जाएगी। हमने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।”छात्रों ने मांग की कि इस पूरे प्रकरण में तत्काल निष्पक्ष जांच शुरू हो और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रतिनिधिमंडल में सत्यनारायण सिंह, मनीष सिंह, दिव्यांशु त्रिपाठी, सुमित, शुभम, सूर्यांश सहित कई छात्र शामिल रहे।
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