काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आयोजित काशी तमिल संगमम–4 के विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने शिरकत की। कार्यक्रम में पहुंचकर उन्होंने भारत की समृद्ध भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को देश की सबसे बड़ी पहचान और शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम का उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं, साहित्य, संस्कृति और ज्ञान परंपराओं को एक साझा मंच पर लाना है,
जिससे देश के विभिन्न हिस्सों के बीच आपसी समझ और संवाद और अधिक मजबूत हो सके।मंत्री जयंत चौधरी ने कार्यक्रम को बेहद अनोखा और व्यापक बताते हुए इसके सफल आयोजन के लिए बीएचयू प्रशासन, स्थानीय नागरिकों और तमिलनाडु से आए प्रतिनिधिमंडल का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह पहल केवल दो संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास नहीं है, बल्कि भारत की विविधता को एक सूत्र में पिरोने का प्रतीक है।
कार्यक्रम के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या भविष्य में केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों को भी ऐसे संगमों से जोड़ा जाएगा, तो मंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा—आइडिया अच्छा है आपका… यह देश का ही संगम है, यही सोचिए।”उनके इस कथन से उपस्थित लोगों में उत्साह और तालियों की गूंज सुनाई दी। कार्यक्रम पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, विमर्श सत्रों और कला–साहित्य की विविधतापूर्ण झलकियों के साथ संपन्न हुआ
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