प्रशिक्षु महिला आरक्षियों से पुलिस आयुक्त का संवाद: संवेदनशील, सुरक्षित और आधुनिक पुलिसिंग की भूमिका पर विस्तृत चर्चा

वाराणसी कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त श्री मोहित अग्रवाल ने को रिज़र्व पुलिस लाइन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिला आरक्षियों के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने उनके प्रशिक्षण की प्रगति, व्यवहारिक अभ्यास, शारीरिक दक्षता, ड्रिल, कानून-व्यवस्था से जुड़ी क्षमताओं तथा विभिन्न प्रकरणों के व्यावहारिक ज्ञान की गहन समीक्षा की।पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रशिक्षु महिला आरक्षी भविष्य की संवेदनशील और मजबूत पुलिसिंग का चेहरा हैं। अनुशासन, श्रेष्ठ प्रशिक्षण और मानवीय दृष्टिकोण के साथ वे न केवल जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी बल्कि महिला सशक्तिकरण की सच्ची शक्ति भी बनकर उभरेंगी।पुलिस आयुक्त ने बताया कि जनता पुलिस को एक आदर्श संस्था के रूप में देखती है, इसलिए प्रत्येक पुलिसकर्मी को अपने आचरण और व्यवहार से ऐसा उदाहरण पेश करना चाहिए जिससे जनता का भरोसा और मजबूत हो गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग के लोगों के साथ संवेदनशील एवं मानवीय व्यवहार अपनाने पर विशेष बल दिया गया, ताकि वे स्वयं को सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सकें।आधुनिक दौर की जरूरत को देखते हुए तकनीकी दक्षता—कंप्यूटर उपयोग, साइबर क्राइम, डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण—को प्रशिक्षण का अनिवार्य हिस्सा बनाने पर ज़ोर दिया गया।उन्होंने कहा कि कठोर एवं नियमित प्रशिक्षण से शारीरिक क्षमता, आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती विकसित होती है, जो प्रभावी पुलिसिंग की रीढ़ है हत्या, मानव वध, एक्सीडेंट से संबंधित धाराओं, बीएनएस व बीएनएसएस के प्रावधानों, निरोधात्मक कार्यवाही और पाबंदी की धाराओं पर प्रशिक्षुओं से प्रश्न पूछकर उनकी जानकारी की समीक्षा की गई प्रशिक्षुओं को निर्देशित किया गया कि वे प्रशिक्षण में सिखाई जा रही बातों को केवल रटें नहीं, बल्कि गहराई से समझकर आत्मसात करें।

आत्मरक्षा, अपराध जांच, संवाद कौशल, अपराध रोकथाम, साइबर सुरक्षा, डिजिटल अरेस्ट व इन्वेस्टमेंट फ्रॉड जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई।प्रशिक्षण के दौरान आने वाली चुनौतियों, सुझावों और आवश्यकताओं पर प्रशिक्षुओं से खुलकर वार्ता की गई।पुलिस आयुक्त ने हॉस्टल की व्यवस्था, भोजन एवं उसकी गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।आर.टी.सी. के अधिकारी/कर्मचारीगण को निर्देश दिए गए कि प्रशिक्षु महिला आरक्षियों को वाराणसी के इतिहास, संस्कृति और प्रमुख पर्यटन स्थलों से भी अवगत कराया जाए, ताकि वे अपने शहर की सामाजिक पृष्ठभूमि को बेहतर समझ सकें।उन्होंने कहा कि पुलिस की पहचान संवेदनशीलता, त्वरित प्रतिक्रिया और प्रोफेशनल दक्षता में निहित है। अतः प्रत्येक प्रशिक्षु को जनता के साथ व्यवहार में धैर्य, शिष्टाचार और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण—CCTV फुटेज विश्लेषण, डिजिटल साक्ष्यों का संरक्षण, साइबर फ्रॉड की पहचान, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग—को लगातार मजबूत करने पर ज़ोर दिया गया।फिटनेस, आत्मसंयम, नेतृत्व क्षमता और टीमवर्क विकसित करने के लिए प्रशिक्षुओं को प्रेरित किया गया।इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त लाइन नीतू, अपर पुलिस उपायुक्त लाइन वैभव बांगर, सहायक पुलिस आयुक्त लाइन ईशान सोनी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।अंत में पुलिस आयुक्त ने प्रशिक्षु महिला आरक्षियों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ जनता की सेवा करने और कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित किया।



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