बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी पर शिव सेना ने शनिवार को ‘विजय दिवस’ मनाते हुए अयोध्या आंदोलन में बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि दी। शिव सेना के मंडल प्रभारी अजय चौबे ने आयोजन के दौरान तीखा बयान देते हुए कहा कि 1992 की घटना को वे ‘विजय दिवस’ के रूप में देखते हैं और उसी की प्रेरणा लेकर आगे भी हिंदुत्व के मुद्दों पर संघर्ष जारी रहेगा।अजय चौबे ने कहा, “1992 में हमने बाबरी संरचना को ध्वस्त किया था, इसलिए हम आज विजय दिवस मना रहे हैं। इस आंदोलन में जिन्होंने प्राणों की आहुति दी, उन्हें हम नमन करते हैं।”
उन्होंने कोलकाता में बाबरी जैसे ढांचे का निर्माण करने की कथित कोशिशों पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “अगर कोई बाबरी मस्जिद के नाम पर कहीं संरचना बनाने का सोच रहा है, तो शिवसैनिक उसे मुंहतोड़ जवाब देगा। जरूरत पड़ी तो नींव से उखाड़ देंगे।”ज्ञानवापी मुक्ति का संकल्प भी लिया अजय चौबे ने आगे कहा कि आज काशी में शिवसैनिकों ने ज्ञानवापी मुक्ति का संकल्प दोहराया है।उन्होंने कहा, “अयोध्या की तर्ज पर अब काशी को मुक्त कराना है। यह हमारा प्रण है और इसे पूरा करके ही हम शिवसैनिक रहेंगे।” महावीर मंदिर में पाठ, हवन और अनुष्ठान कार्यक्रम के तहत शिव सेना और भवानी सेना की बहनों ने महावीर मंदिर में सुंदरकांड का पाठ किया। ब्राह्मणों और गुरुजनों द्वारा हवन, मंत्रोच्चार और अनुष्ठान संपन्न कराए गए।अजय चौबे ने कहा कि यह धार्मिक अनुष्ठान ज्ञानवापी मुक्ति के संकल्प को शक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया और यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।

