काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विधि संकाय में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विधि संकाय के प्रोफेसर आर.के. मुरली और प्रोफेसर अजेंद्र श्रीवास्तव मुख्य वक्ता रहे।प्रोफेसर आर.के. मुरली ने अपने संबोधन में अतीत और वर्तमान के दृष्टिकोण से मानवाधिकार और प्रमुख दार्शनिकों—अरस्तू, रोल्स, कैंट, बेन्थम आदि के विचारों—के अंतर्संबंध पर विस्तृत चर्चा की।
उनका मुख्य संदेश था कि मानवाधिकार पर विचार करते समय व्यक्तिवादी सोच से हटकर सामाजिक न्याय और सामूहिकता को केंद्र में रखना चाहिए।वहीं, प्रोफेसर अजेंद्र श्रीवास्तव ने मानवाधिकार के उद्भव और महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंभ संकाय प्रमुख प्रोफेसर सी.पी. उपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत कर किया और संचालन डॉ. मुकेश मालवीय ने किया। विश्वविद्यालय की एनएसएस संयोजिका प्रोफेसर स्वप्ना मीणा भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
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