तमिल और भारत के सांस्कृतिक समागम के अंतर्गत वाराणसी में आई तमिल शिक्षिकाओं द्वारा शहर के विभिन्न स्कूलों में 15 दिवसीय निःशुल्क तमिल भाषा शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य दो प्राचीन संस्कृतियों—तमिल और काशी—के बीच भाषाई एवं सांस्कृतिक सेतु का निर्माण करना है।
शिविर में तमिलनाडु से आई शिक्षिकाएँ बच्चों को तमिल भाषा के मूल शब्द, उच्चारण, संवाद और संस्कृति से जोड़ने वाले पाठ पढ़ा रही हैं। छात्र-छात्राओं में इस नई भाषा को सीखने को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है।शिविर के माध्यम से बच्चों को न केवल तमिल भाषा सीखने का अवसर मिल रहा है, बल्कि दक्षिण भारतीय परंपरा, संस्कृति और जीवन शैली के बारे में भी समझ विकसित हो रही है। आयोजकों के अनुसार यह पहल भाषाई विविधता को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय एकता को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Tags
Trending

