अपनी बूढ़ी मां को स्कूटर से लेकर 62000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर वाराणसी पहुंचे दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार उनकी माता चूड़ा रत्नम का नागरिक अभिनंदन तुलसी घाट के तुलसी मंदिर में अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास जी के महान प्रोफ़ेसर विशंभर नाथ मिश्र ने किया। कलयुग के श्रवण कुमार जो अपनी मां को भारतवर्ष के मंदिरों में दर्शन पूजन कराने का उद्देश्य लेकर कर्नाटक के मैसूर से सितंबर में यात्रा शुरू की और पहले चरण में देश के सभी भागों भूटान, नेपाल, अरुणाचल प्रदेश, मय्मार आदि प्रदेशों में भ्रमण करने बाद चित्रकूट होते हुए रविवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी पहुंचे। वाराणसी पहुंचने पर सोमवार को तुलसी घाट पर उनका नागरिक अभिनंदन किया गया। महंत प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने उनका माल्यार्पण कर अंगवस्त्रम प्रदान कर स्वागत किया।
इस अवसर पर प्रोफ़ेसर विशंभर नाथ मिश्र ने कहा कि मां के लिए समर्पित ऐसे पुत्र का नागरिक अभिनंदन होना ही चाहिए इससे समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा और आज की युवा पीढ़ी भी अपने मां-बाप की इसी तरह से सेवा करेगी। वही दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार ने बताया कि वह अपने पिता द्वारा उपहार में मिली बजाज चेतक स्कूटर पर अपनी मां को बैठा कर भारत के विभिन्न मंदिरों का दर्शन पूजन करा रहे हैं और उनकी यही इच्छा है कि उनकी मां देश के सभी मंदिरों में दर्शन पूजन करें। अभिनंदन समारोह में उपस्थित मानस मर्मज्ञ श्याम सुंदर पांडे, राघवेंद्र पांडे, स्वर्ण प्रताप चतुर्वेदी सत्यांशु जोशी ने भी माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर हरि नारायण मिश्र, उमेश शर्मा, राजेश मिश्र आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संयोजन रामयश मिश्र ने किया तथा धन्यवाद श्यामसुंदर पांडेय ने किया।