गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान एवं गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट वाराणसी के संयोजन में एकता पार्क, हरिनगर, कालोनी,चंदुआ छित्तूपुर के प्रांगण में चल रहे पांच दिवसीय संगीतमय प्रज्ञा पुराण कथा संग पांच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के तहत पांचवे दिन एवं अंतिम सत्र के कार्यक्रम का शुभारंभ सामुहिक जप, ध्यान, प्रज्ञा योग के साथ शुरू हुआ। सुप्रसिद्ध कथा वाचक कमला शर्मा ने कहा कि आज हम पाश्चात्य संस्कृति के मोह में पड़कर साधना से दूर होते जा रहे हैं।भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता काफी समृद्ध एवं विशाल है इसमें साधना का महत्व है न कि साधन का।
पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम गायत्री महामंत्र के सस्वर उच्चारण के साथ शुरू हुआ । अग्रेतर क्रम में सर्वदेव आवाहन के साथ पांचों कुंडों में अग्नि प्रज्ज्वलित कराने के उपरांत सभी के सद्बुद्धि एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना से 24-24 बार गायत्री महामंत्र, स्वस्थ एवं निरोग काया हेतु 5-5 बार महामृत्युंजय महामंत्र, गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ एवं कोरोना महामारी के समूल नाश हेतु 3-3 बार महाकाल मंत्र से आहुतियां तीन पाली में अग्निहोत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री प्रेम चंद बरनवाल, पंडित गंगाधर उपाध्याय, देवता प्रसाद शर्मा, जनार्दन पाण्डेय, रमेश गुप्ता सहित बड़ी संख्या मे लोगों ने भाग लिया।