काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में कम नंबर आने और अनुपस्थित छात्रों को उत्तीर्ण करने के मामले में छात्रों ने जमकर हंगामा किया। गुस्साए छात्रों ने विभागाध्यक्ष को बंधक बना लिया,उनके साथ चीफ प्रॉक्टर एवं प्राॅक्टोरियल बोर्ड के कर्मचारियों को भी बंधक बना लिया। छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन शाम 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक चला। छात्रों ने एसीपी प्रवीण सिंह के द्वारा दिए गये आश्वासन के बाद अपना धरना समाप्त किया।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के बाहर छात्रों और प्रोक्टोरियल बोर्ड के बीच जमकर नोकझोंक हुई। बताया जा रहा है कि पत्रकारिता विभाग के छात्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शोभना नार्लीकर के व्यवहार से नाराज होकर विभाग के मुख्य द्वार पर अपना विरोध दर्ज करा रहे थें। तभी प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम छात्रों को हाटने पहुंची। छात्रों का आरोप है विभागाध्यक्ष विभाग में मनमाने तरीके से काम कर रही हैं। और विभाग के छात्रों को मनमाने तरीके से नम्बर दी है, जिससे बहुत से छात्र छात्राएं फेल हो गए हैं।
छात्र प्रिंस पाण्डेय ने बताया कि पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शोभना नार्लीकर पूरे तरीके से विभाग में मनमानी कर रही हैं। विभाग में जितने भी अध्यापक हैं उनके विषय का नंबर वह खुद अपने मनमाने ढंग से दे रही। छात्र ने कहा कि विभाग के आधे से अधिक छात्रों को फेल कर दिया गया हैं।
वहीं इस मामले में विभागाध्यक्ष डॉ. नार्लिकर ने बताया कि उन्होंने छात्रों से उनकी शिकायत लिखित में देने को कहा। इसके बाद छात्र भड़क गए और विभागाध्यक्ष को हटाने की मांग करने लगे। उन्होंने कहा कि हंगामे और बंधक बनाए जाने की सूचना पर जब प्राॅक्टोरियल बोर्ड की टीम पहुंची तो छात्रों ने उनके साथ भी जमकर हाथापाई की। विभागाध्यक्ष डॉ. शोभना नार्लिकर ने बताया कि सुबह से ही उनको विभाग में बंधक बनाकर रखा गया ।
शाम 4 बजे से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन रात्रि 9:30 बजे तब समाप्त हुआ जब एसीपी भेलूपुर प्रवीण सिंह पुलिसकर्मियों के साथ विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने छात्रों से करीब आधे घंटे तक वार्तालाप किया और छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी बातों को कुलपति के सामने रखा जायेगा। और उनके समस्या का समाधान कराया जायेगा। जिसके बाद छात्रों ने विभाग के गेट को खाली किया। इस मामले में एसीपी ने बताया कि छात्रों को समझा बुझाकर शांत करा दिया गया हैं। मौके पर शांति व्यवस्था बनी हुई हैं।