संत व कथा वाचक मोरारी बापू ने विश्वनाथ धाम में काशीवासियों को सुनाई श्री रामकथा

धर्म की नगरी काशी में सावन के तीसरे सोमवार को विश्वनाथ धाम में कथा वाचक मुरारी बापू की कथा का आयोजन किया गया। हजारों की संख्या में शिवभक्त सोमवार को मुरारी बापू की कथा में शामिल हुए। श्रावण मास में 12 ज्योर्तिर्लिंग के दर्शन पर निकले मुरारी बापू रविवार को केदारनाथ मंदिर के दर्शन के पश्चात वाराणसी पहुंचे। केदारनाथ के पश्चात द्वितीय ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन और कथा के पश्चात वैधनाथ धाम में दर्शन के लिए रवाना हुए।

इस दौरान विश्वनाथ धाम में गंगा के समानांतर प्रवाहित मानस कथा में श्रद्धालुओं ने गोते लगाते हुए रोम-रोम को तर किया। मुरारी बापू ने भगवान शिव का निवास के लिए काशी को चुनना सहित कई प्रसंगों का वर्णन किया । कथा से पूर्व उन्होंने बाबा श्री काशी विश्वनाथ का अभिषेक करते हुए दर्शन पूजन किया। 

संत व कथा वाचक मोरारी बापू ने कहा कि काशी में जितना प्रकाश है उतना प्रकाश कहीं और नहीं मिलेगा। सूर्य का संपूर्ण लक्षण काशी में है तभी तो दुनिया की हर आध्यात्मिक धारा ने काशी को छुआ है। नास्तिक हो चाहे विधर्मी हर कोई काशी आया काशी आकर मंदिरों का ध्वंस भी किया लेकिन काशी की अजस्र धारा आज भी प्रवाह मान है। राम नाम की महिमा बताते हुए बापू ने कहा कि राम महामंत्र का निरंतर जप व्यक्ति की दशा बदल सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान का नाम भाव से लेना चाहिए अगर भाव ना जगे लेकिन फिर भी प्रभु का नाम लेना चाहिए।

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