वाराणसी में एक मामला सामने आया जहां देहरादून से 11 वर्षीय युवराज अपने माता-पिता की डांट से नाराज होकर ट्रेन से वाराणसी चला आया। वाराणसी में पत्रकार सुमन तिवारी के किसी जानकार ने इस बच्चे के बारे में सुमन को बताया तो सुमन तत्काल बनारस रेलवे स्टेशन पर पहुंची, जहां पर उस बच्चे से मिली। सुमन के काफी पूछताछ करने पर भी जब बच्चा कुछ नहीं बता रहा था तो सुमन ने पत्रकारिता के स्तर से युवराज से जानकारी हासिल करना शुरू किया। धीरे-धीरे युवराज ने सारी बातें सुमन को बताईं इस बीच सुमन को युवराज की मां का नंबर मिला गया और सुमन ने तत्काल बिना किसी देरी के उसकी मां से बात की और सारी जानकारी उसके माता पिता को दी। बच्चे के पिता तुरंत ही देहरादून से वाराणसी के लिए निकले। जो आज वाराणसी पहुंचने के बाद सुमन के संपर्क में आए।
जानकारी के अनुसार जिस पत्रकार सुमन तिवारी ने इस मामले को संज्ञान में लेकर तत्परता दिखाते हुए एक बच्चे को उसके परिवार से मिलाया, उसका आज सर सुंदरलाल चिकित्सालय बीएचयू में ऑपरेशन होना था। अपनी परवाह न करते हुए पत्रकार सुमन ने अपने बच्चों की तरह युवराज को अपने घर रखा और जब उसके पिता और परिजन आए तो उन्हें सर सुंदर लाल चिकित्सालय बीएचयू में बुलाकर उनके लाडले युवराज को उन्हें सौंपा। जाते-जाते परिजनों ने पत्रकार सुमन तिवारी की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने कहा एक महिला होने के साथ-साथ सुमन अपनी परवाह न करते हुए सबसे पहले उस बच्चे के लिए खड़ी रही, इसके लिए वह जीवन भर आभारी रहेंगे।
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