काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आगामी दीक्षांत समारोह के एक आदेश पर छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि आगामी दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि संबंधित महाविद्यालय में दीक्षांत समारोह का अलग से आयोजन किया जाएगा। छात्रों का कहना है कि पिछले 102 साल से संबंधित महाविद्यालय के छात्र भी विश्वविद्यालय में अपनी उपाधि लेते थे लेकिन इस बार विश्वविद्यालय भेदभाव कर रहा है।
केंद्रीय कार्यालय पर दर्जनों की संख्या में छात्रों एवं छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की छात्रों का कहना है कि पिछले 102 वर्षों से विश्वविद्यालय में कैंपस में सभी को दीक्षांत समारोह में उपाधि दी जाती थी। लेकिन इस बार नया नियम लागू किया गया है कि महाविद्यालय में अलग से दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाएगा यह हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है हमारा सपना रहता है कि हम विश्वविद्यालय में जाकर अपनी उपाधि ले। विरोध के दौरान छात्रों के केंद्रीय कार्यालय की मुख्य द्वार पर रोक दिया गया और उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया जिससे गेट पर प्राक्टोरियल बोर्ड एवं छात्रों के बीच में हल्की-फुल्की धक्का मुक्की भी हुई। विरोध दर्ज कर रहे छात्र विपुल ने कहा कि दीक्षांत समारोह को लेकर जारी एक आदेश के विरोध में हम लोग केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। विपुल ने कहा कि बीएचयू का दीक्षांत समारोह जो पिछले 102 साल से प्रतिक्रिया चली आ रही है कि बीएचयू के में मेंन कैंपस और संबंधित महाविद्यालय का दीक्षांत समारोह एक साथ आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अचानक 103वें दीक्षांत समारोह में कुलपति द्वारा एक आदेश जारी किया जाता है बीएचयू मेंन कैंपस में संबंधित महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों एवं छात्राओं का दीक्षांत समारोह नहीं आयोजित किया जाएगा उनको समारोह उनके महाविद्यालय में ही होगा। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि पूर्व की तरह ही बीएचयू में कैंपस में सभी संबद्ध महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं को उपाधि दी जाए। जिसको लेकर छात्रों के समूह ने कुलपति के नाम एक पत्र भी दिया।