महाश्मशान मणिकर्णिका पर अंतिम संस्कार के दौरान अजब नजारा देखने को मिला। पिता का शव लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंचे बेटे ने पिता की चिता पर शराब गिराई, पान का बीड़ा और बीड़ी रखा। कहा कि पिता की कोई इच्छा अधूरी न रह जाए, इसलिए अंतिम औपचारिकता पूरी की। यह दृश्य बनारसियों के लिए आम था, लेकिन बाहर से आए सैलानियों के लिए चौकाने वाला रहा। अंतिम संस्कार में ऐसा देखकर वे भौचक्का रह गए। मणिकर्णिका घाट के निवासियों की मानें तो ऐसा नजारा महाश्मशान पर रोज देखने को मिलता है।
मणिकर्णिका पर रोजाना ऐसे शव आते हैं, जिनके साथ ढोल-नगाड़े बजाते और नाचते हुए परिजन आते हैं। जिसकी मृत्यु हुई होती है, उसे उसके जीवन में खानपान की प्रिय वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। खासकर शराब, गांजा, बीड़ी, सिगरेट, बीड़ी अर्पित करना आम बात होती है, ताकि प्रिय परिजन की आत्मा को शांति मिल सके। काशी में निवास करने वाले लोग मस्ती में जीते हैं। जीवन जितना उत्साह से जीते हैं, मृत्यु को भी उतने ही उल्लास से मनाते हैं। काशीवासियों को नर्क का डर ही नहीं सताता। ऐसी मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ की नगरी में मृत्यु से सीधे मोक्ष मिलता है।