बीएचयू विधि संकाय में शताब्दी राष्ट्रीय सम्मेलन का किया गया उद्घाटन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विधि संकाय का शताब्दी वर्ष शैक्षणिक चर्चाओं और विमर्शों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया गया। इसी कड़ी में "भारतवर्ष में विधिक शिक्षा पुनरावलोकन एवं संभावना" विषय पर शताब्दी राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेल्लन में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के सम्मानित न्यायाधीश, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के कुलपति, डीन, विभागाध्यक्ष और देशभर के विश्वविद्यालयों के प्रतिष्ठित प्रोफेसर, साथ ही कई कानूनविद शामिल हुए। इन्होंने इस सम्मेलन में विविध विषयों और उप-विषयों को उजागर करने के लिए अपनी विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि का योगदान दिया।

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने अपनी स्थापना के शुभ शताब्दी वर्ष के सम्मेलन को सफलतापूर्वक संपन्न किया। इस सम्मेल्लन की औपचारिक कार्यवाही मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय, चांसलर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा सम्मानित अतिथि प्रो. एन. एल. मित्रा, एनएलयू बैंगलोर के पूर्व कुलपति, की उपस्थिति में शुरू हुई। इस सम्मलेन का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन और महामना की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ, उसके बाद मंगलाचरण तथा कुलगीत गाया गया। उद्घाटन सत्र समृद्ध तरीके से संपन्न हुआ, जिसमें एनएलयू बैंगलोर के पूर्व कुलपति प्रो. एन. एल. मित्रा ने मुख्य भाषण दिया, जिन्होंने कानूनी शिक्षा में अपने व्यापक अनुभव से प्राप्त अमूल्य दृष्टिकोण को साझा किया। सत्र की अध्यक्षता प्रो. पी. के. मुखोपाध्याय, पूर्व प्रमुख, दर्शनशास्त्र विभाग, जादवपुर विश्वविद्यालय, के द्वारा की गई तथा राष्ट्रगान के साथ उद्घाटन सत्र का समापन किया गया।


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