रथ सप्तमी के अवसर पर पाप से मुक्ति के लिए लोलार्क कुंड में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

रथ सप्तमी पर पाप से मुक्ति के लिए लोलार्क कुंड में भक्तो ने डुबकी लगायी। रथसप्तमी के दिन गंगा और असि के संगम लोलार्क में स्नान करने वाला मनुष्य सात जन्मों के पाप से मुक्त हो जाता है। रथसप्तमी का पर्व माघ शुक्ल की सप्तमी को शुक्रवार को मनाया गया।

लोलार्ककुंड में स्नान करने और भोलेनाथ के दर्शन-पूजन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। दंपति ने कुंड में डुबकी लगाई। वहीं लोलार्केश्वर महादेव का दर्शन-पूजन और सूर्यदेव की आराधना की। लोलार्क कुंड के महंत ने बताया कि रथ सप्तमी पर ब्रह्म योग और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि रथ सप्तमी पर भद्रा का वास पृथ्वी लोक में होता है और वह सभी का कल्याण करती हैं।

रथ सप्तमी पर स्नान, दान के साथ ही व्रत का भी विधान है। सप्तमी पर अरुणोदय में स्नान करने का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि आज इस कुंड में हजारों की संख्या में दक्षिण भारतीय और स्थानीय लोगों ने स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

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