बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
बसंत पंचमी के मौके पर लोग संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूरे विधान से पूजा करते हैं। बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती को समर्पित है।
शिक्षा और करियर में सफलता पाने के लिए विद्यार्थी के लिए सरस्वती मां की पूजा करना शुभ होता है। ऐसी मान्यता है,कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं।
इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन देवी को प्रसन्न करने के लिए पूजा की थाली में कुछ खास चीजों को शामिल किया जाता है।
ऐसा करने से माता सरस्वती की कृपा जीवन में बनी रहती है मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा की थाली में सफेद तिल के लड्डू, सफेद धान के अक्षत, घी का दीपक, अगरबत्ती और बाती, एक पान और सुपारी, मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर जरूर रखें, क्योंकि इसके बिना मां सरस्वती का पूजन आधूरा माना जाता है। इसके अलावा पूजा की थाली में लौंग, सुपारी, हल्दी या कुमकुम, तुलसी दल, जल के लिए एक लोटा या कलश, रोली, लकड़ी की चौकी, आम के पत्ते, पीले वस्त्र, पीले रंग के फूल, मौसमी फल, गुड़, नारियल और भोग के लिए मीठे पीले चावल या बूंदी के लड्डू अवश्य शामिल करें।