काशी के हरिश्चंद्र घाट पर हुई अद्भुत चिता भस्म की होली, जमकर झूमे भक्त और अघोरी

हरिश्चंद्र घाट पर बाबा भोलेनाथ के भक्तों ने विविध भूत-प्रेत-पिशाच का स्वांग धरा और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ चिता भस्म की होली खेली। अलबेले आयोजनों के लिए मशहूर काशी में हरिश्चंद्र घाट पर चिता भस्म की होली खेली गई। 

रंगभरी एकादशी पर काशी के हरिश्चंद्र घाट पर स्थित श्मशान पर भक्तों ने चिताभस्म से होली खेल पुरातन परंपरा का निर्वाह किया। इससे पहले परंपरागत ऐतिहासिक शोभायात्रा निकाली गई। इस दौरान हर-हर महादेव के उद्घोष लगते रहे। नर-मुंड की माला पहने श्रद्धालु बाबा मशान नाथ के जयकारे लगाते रहे। 

बाबा भोलेनाथ के भक्तों ने विविध भूत-प्रेत-पिशाच का स्वांग धरा और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ चिता भस्म की होली खेलने गंगा तट पर पहुंच गए। हरिश्चंद्र घाट पर जहां एक तरफ चिता जल रही थी तो वहीं दूसरी तरफ लोग उत्सव मना रहे थे। डोम राजा परिवार के साथ बड़ी संख्या में आम लोग इस उत्सव में शामिल हुए। भक्त महादेव के रंग में रंगते नजर आए। भगवान का रूप धरे कलाकारों ने भी विशेष प्रकार का नृत्य प्रस्तुति किया।

काशीवासियों के साथ रंगभरी होली खेलने के बाद भगवान शिव अपने गणों के संग महाश्मशान में चिता भस्म से होली खेलते हैं। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी लोगों का जमावड़ा रहा। काशी की इस अनूठी परंपरा के लोकप्रियता काफी ज्यादा है ऐसे में काशी वासियों के साथ ही दूर-दराज से आए पर्यटक भी इस अनोखे चिता भस्म की होली के साक्षी बने । 

होली खेले मसाने मे गीत पर भक्त अघोरी झूमते नजर आये। यह अद्भुत नजारा दुनिया के किसी कोने में नहीं देखने को मिलता है जहां एक तरफ धू धू कर चिता जल रही होती हैं तो वहीं दूसरे और भक्त चिता की भस्म से होली खेलते हैं। इस दौरान जुटे हजारों भक्त इस अद्भुत नजारे को कमरे में कैद करते दिखे।

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