श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हौद भराई पूजा पर लगाई गई रोक, ऑनलाइन पोर्टल पर इसकी बुकिंग भी कराई गई बंद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हौद भराई पूजा पर रोक लगा दी गई है। मंदिर प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से हौद भराई पूजा को बंद करने का आदेश दे दिया है। मंदिर के ऑनलाइन पोर्टल पर इसकी बुकिंग भी बंद कर दी गई है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने हौद भराई पूजा को अशास्त्रीय बताते हुए इस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली हौद भराई पूजा को अशास्त्रीय परंपरा बताते हुए इस पर रोक लगा दी है। ऐसे में अब यह पूजा नहीं होगी। बाबा विश्वनाथ के मंदिर में हौद भराई की पूजा लंबे समय से चली आ रही थी। इसके तहत 580 लीटर दूध से श्रद्धालु बाबा का अरघा भरवाते थे। इसके लिए 25 हजार 450 रुपये शुल्क लगता था। इसमें मंदिर की फीस 2250 रुपये और पूजन सामग्री पर 23 हजार दो सौ रुपये खर्च होते थे। मंदिर में भीड़ के कारण हौद भराई की पूजा से श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन करने में भी परेशानी होती थी। श्रद्धालुओं की शिकायत के बाद मंदिर प्रशासन ने जब इसकी जांच कराई तो पता चला कि हौद भराई की परंपरा शास्त्रीय नहीं है। काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं का रिकॉर्डतोड़ आगमन हो रहा है। इससे काशी पुराधिपति 'बाबा विश्वनाथ' की आय में भी रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 की आय में लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मंदिर प्रशासन के सीइओ विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में काशी के लोगों को अलग मार्ग से प्रवेश देने पर विचार चल रहा है।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हौद भराई पूजा पर रोक लगा दी गई है। मंदिर प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से हौद भराई पूजा को बंद करने का आदेश दे दिया है। मंदिर के ऑनलाइन पोर्टल पर इसकी बुकिंग भी बंद कर दी गई है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने हौद भराई पूजा को अशास्त्रीय बताते हुए इस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली हौद भराई पूजा को अशास्त्रीय परंपरा बताते हुए इस पर रोक लगा दी है। ऐसे में अब यह पूजा नहीं होगी। बाबा विश्वनाथ के मंदिर में हौद भराई की पूजा लंबे समय से चली आ रही थी। इसके तहत 580 लीटर दूध से श्रद्धालु बाबा का अरघा भरवाते थे। इसके लिए 25 हजार 450 रुपये शुल्क लगता था। इसमें मंदिर की फीस 2250 रुपये और पूजन सामग्री पर 23 हजार दो सौ रुपये खर्च होते थे। मंदिर में भीड़ के कारण हौद भराई की पूजा से श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन करने में भी परेशानी होती थी। 

श्रद्धालुओं की शिकायत के बाद मंदिर प्रशासन ने जब इसकी जांच कराई तो पता चला कि हौद भराई की परंपरा शास्त्रीय नहीं है। काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं का रिकॉर्डतोड़ आगमन हो रहा है। इससे काशी पुराधिपति 'बाबा विश्वनाथ' की आय में भी रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 की आय में लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मंदिर प्रशासन के सीइओ विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में काशी के लोगों को अलग मार्ग से प्रवेश देने पर विचार चल रहा है।



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